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Khet Talab Yojana 2026: सिंचाई संकट का स्थायी समाधान, खेत में तालाब बनाने के लिए सरकार दे रही ₹52,500 की सब्सिडी

Khet Talab Yojana 2026: कृषि अर्थव्यवस्था को जलवायु परिवर्तन और गिरते भूजल स्तर की चुनौतियों से बचाने के लिए राज्य सरकार ने ‘खेत तालाब योजना 2026’ को नई ऊर्जा के साथ लागू किया है।

यह योजना केवल एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम नहीं है, बल्कि प्रदेश के किसानों को ‘सिंचाई आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल इस योजना का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) को खेत के स्तर तक पहुँचाना है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान अपने खेत के एक छोटे हिस्से में जल संचयन की व्यवस्था करते हैं, तो वे न केवल सूखे की मार से बच सकते हैं, बल्कि अपनी खेती की लागत को भी 30% तक कम कर सकते हैं।

Khet Talab Yojana 2026

योजना का मुख्य ढांचा और आर्थिक लाभ

खेत तालाब योजना के तहत सरकार ने लघु तालाब (Small Pond) निर्माण के लिए एक आकर्षक सब्सिडी मॉडल तैयार किया है।

एक मानक लघु तालाब के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग ₹1,05,000 निर्धारित की गई है। सरकार इसमें 50% की सीधी सब्सिडी (अर्थात ₹52,500) प्रदान करती है। यह राशि सीधे किसान के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है।

तालाब का निर्माण अधूरा है यदि उसे सिंचाई प्रणाली से न जोड़ा जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार तालाब के पानी को खेत तक पहुँचाने के लिए पंप सेट खरीदने पर भी 50% अनुदान (अधिकतम ₹15,000) दे रही है।

इस प्रकार, एक ही योजना के माध्यम से किसान जल भंडारण और जल वितरण (Distribution) दोनों की व्यवस्था कर सकता है।

किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?

कृषि विभाग ने योजना के दुरुपयोग को रोकने और वास्तविक लाभार्थियों तक लाभ पहुँचाने के लिए कुछ अनिवार्य शर्तें रखी हैं:

  1. आवेदक स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
  2. एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य शर्त यह है कि किसान के पास पहले से स्थापित और चालू अवस्था में ‘सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली’ (जैसे ड्रिप या स्प्रिंकलर इरिगेशन) होनी चाहिए।
  3. लघु और सीमांत किसानों के साथ-साथ उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाती है जहाँ भूजल का स्तर ‘क्रिटिकल’ या ‘डार्क जोन’ में पहुँच चुका है।

खेत तालाब के बहुआयामी फायदे

पारंपरिक नलकूपों (Tube Wells) पर बढ़ती निर्भरता ने न केवल बिजली का बिल बढ़ाया है, बल्कि भूजल का अंधाधुंध दोहन भी किया है। खेत तालाब योजना के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • लागत में कटौती: डीजल और बिजली पर होने वाले भारी खर्च की बचत होती है, क्योंकि बारिश का संचित पानी पंप सेट के जरिए आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • फसल सुरक्षा: अनिश्चित मानसून के दौर में, यदि बारिश समय पर नहीं होती, तो तालाब में जमा पानी फसल को ‘जीवन रक्षक सिंचाई’ (Life-saving irrigation) प्रदान करता है।
  • मछली पालन की संभावना: किसान तालाब का उपयोग केवल सिंचाई के लिए ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक मछली पालन (Pisciculture) के लिए भी कर सकते हैं, जिससे उनकी आय के अतिरिक्त स्रोत बनेंगे।

Khet Talab Yojana 2026 आवेदन प्रक्रिया

योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन रखा गया है:

  1. सबसे पहले उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट upagriculture.com पर जाएं।
  2. खेत तालाब योजना के विकल्प का चुनाव करें और निर्धारित ‘टोकन राशि’ जमा करें। यह ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के सिद्धांत पर आधारित हो सकता है।
  3. अपने भू-अभिलेख (खतौनी), आधार कार्ड, बैंक पासबुक और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का प्रमाण अपलोड करें।
  4. आवेदन जमा होने के बाद, संबंधित जिले के कृषि अधिकारी स्थल का निरीक्षण करेंगे, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।

किसानों के लिए जरूरी सुझाव

एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में, हम किसानों को सलाह देते हैं कि वे तालाब का निर्माण तकनीकी मानकों के अनुरूप ही करें ताकि जल रिसाव (Seepage) की समस्या न हो। साथ ही, आवेदन करते समय अपने बैंक खाते को आधार से लिंक (Aadhaar Seeded) अवश्य रखें ताकि सब्सिडी की राशि बिना किसी रुकावट के प्राप्त हो सके।

खेत तालाब योजना 2026 उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए भविष्य का बीमा है। यह न केवल वर्तमान में सिंचाई की समस्या को हल करती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल स्तर को सुरक्षित रखने का एक जिम्मेदार तरीका भी है। यदि आप अपनी खेती को स्मार्ट और टिकाऊ (Sustainable) बनाना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ उठाने में देरी न करें।

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